भगवान बुद्ध की एक भिक्षुणी शिष्या थी । उसका नाम था पटाचारा । त्रिपिटक ग्रंथ में उसकी कथा आती है । पटाचारा कुँआरी थी । किसी युवान से उसका मन ...
श्री रंग जी श्रीअनन्तानन्दाचार्यजी महाराज के प्रधान शिष्यो में एक थे। गृहस्थाश्रम के समय आपका निवास द्यौसा नामक ग्राममें था, जो ...
🙏🏻🚩🌹 👁❗👁 🌹🚩🙏🏻 एक सन्त के आश्रम में एक शिष्य कहीं से एक तोता ले आया और उसे पिंजरे में रख लिया। सन्त ने कई बार शिष्य से कहा कि...
‘नमामि भक्तमाल को’ ये सुनार जाति के थे. इनका मन भगवान श्री राधाकृष्ण की सेवा में ही लगता था. इनकी सेवा की रीति भी अनोखी थी. ये नृत्य और गान...
गाय ने केला देखकर मुँह मोड़ लिया..औरत ने गाय के सामने जाकर फिर उसके मुँह मे केला देना चाहा, लेकिन ... गाय ने केला नहीं खाया, प...
जय श्री राधे... #बाँके_बिहारी_जी_की_कृपा ... #पोशाक_को_स्वयं_धारण_करना ... वृंदावन में एक कथा प्रचलित है कि एक ठाकुर भूपेंद्र सिंह नामक व...
संत श्री चोखामेला भगवान् श्री विट्ठल के अनन्य भक्त थे। पंढरपुर के पास मंगलवेढा नाम के गाँव में श्री चोखामेला निवास करते थे ।मरे हुए जानवरो ...