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सोच

एक मछली छोटे तालाब में अपने परिवार के साथ रहती थी, तालाब में पानी कभी सूख भी जाता था तो उस परमपिता परमेश्वर को याद करती थी पूजा तप आदि खूब किया करती थी! एक दिन तेज़ तूफ़ान और बारिश आयी जिससे मछली का परिवार बहकर नदी में बहने लगा, मछली ने व् उसके परिवार ने नदी के विपरीत दिशा में बहने की काफी कोशिश् की पर उनकी एक न चली!
थक हारकर नदी के प्रवाह में ही बहकर ईश्वर को खूब कोसा और भला बुरा कहा और कुछ दिन में ही समुन्दर में पहुच गये और वहाँ जाकर उनको अहसास हुआ क़ि ईश्वर ने हमको दरिया से निकाल कर विशालता में ला दिया उसने हमारे जीवन में तूफ़ान लाकर अपने विशाल स्वरुप से जोड़ दिया
मित्रो हर पल उसकी रजा में राजी रहो,
वो पूरा समुन्दर दे रहा है और हम एक चम्मच लेकर खड़े है! हम उसके हर कार्य के लिए कोसते रहते है negative सोचते रहते है,
अपनी सोच बदलो हर पल positive सोचो!
एक माँ अपने बच्चे का एक पल के लिए भी बुरा नहीं सोच सकती तो फिर वो पालनहार कैसे बुरा कर सकता है

ओम् शांति जी 🌹🌹

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