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*गणिका पापी वैश्या की कथा*

*भगवान का नाम अभ्यास करने की महिमा कोई बता ही नहीं सकता*

*नाम की महिमा वेद न जानी जो जैसा सुनता है वह वैसी व्याख्या करता है*
*पर भगवान के नाम की महिमा की पूण व्याख्या*

*कोई करने में सक्षम नहीं है ऐसा मेरा विचार है*

*गणिका पापी  वैश्या की कथा*
*जिसने नाम अभ्यास करके*
*भगवान् की प्राप्ति की*

*गणिका वैश्य ने बार बार ईश्वर का नाम*

*बोल बोल कर ईश्वर को पा लिया*

*जिसका सारा जीवन भोग में गया*

*उसने वोह पा लिया*

*जिसे पाना हम असंभव समझते है*

यह सब हुआ नाम जप की वजह से

नाम में इतनी शक्ति है

कि

*पत्थर भी पानी में तैरते हे*

*गणिका ने पूरा जीवन बुरे करम किए*

*सपने में भी कभी भजन नहीं किया*

*अगर कोई उसे कहता अछे करम करो तोह*

*वह उसका मजाक उड़ाती*

*धीरे धीरे वह वृद्ध होने लगी*

उसने देखा लोग

उसमे कम रूचि लेने लगे

उसे कई बीमारी भी लग गयी

एक दिन भारी बारिश में

*कई संत उसका स्वाभाव*

*जाने बिना उसके घर आ गए*

यह उसके

पिछले जन्मों के पुण्य करम थे

*उसने संतो की सेवा की*

जिसे संत उससे प्रसन्न हुए

और संतो के

चरणों में गिर कर प्रार्थना की

कुछ ऐसा करिये

*मुझे दूसरी दुनिया में जा कर*

*शर्मसार न होना पड़े*

*संतो को लगा*

*इससे भक्ति तोह होगी नहीं*

उन्हें एक युक्ति सूजी

*उन्होंने उसे*

*एक तोता दे दिया और कहा*

*अगर इसे तुमने*

*राम कहना सीखा दिया तोह*

*तुम्हारी मुक्ति निश्चित है*

*गणिका ने संतो की बात पर विशवास करके*

*तोते को राम नाम बोलना सिखाने की कोशिश की*

*पर वह तोता बुद्धू था*

शायद आपको नहीं पता हो

तोते मनुष्य की तरह

बोल तोह सकते हे

*पर उसका अर्थ नहीं समझ सकते*

गणिका दिन रात तोते को राम नाम सिखाने के

प्रयास में लग गयी

सुबह से ले कर रात तक
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम

राम नाम रटते रटते उसका मन शुद्ध हो गया

अब उसे अहसास हो गया

जो लोग उसे
अछै करम करने को कहते थे
वे सही थे

वह दिन रात रोती रहती और
राम नाम रटती रहती

राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
रटते रटते राम नाम

*उसके रोम रोम में बस गया*

*तोते के सीखने के*
*बाद भी*
*उसने राम नाम रटना नहीं छोड़ा*

*अब दिन रात तोता और गणिका राम राम रटते रहते*

*नाम रटने से ऐसी इस्थिती आ गयी की
गणिका महान संत बन गयी*

*गुरबाणी में भी कई बार उसका नाम दिया हैं*

तोते को सिखाते सिखाते वह जनम मरण रुपी
काले महासागर को पार कर गयी

*एक पापी औरत*
*जिसे ईश्वर के दरबार में शर्म सार*
*होने का भय था*

*वह जनम मरण रुपी काले*
*महासागर को पार कर गयी*

*हरी बोल*
*जनम मरण के बंधन  खोल*

*नाम का अभ्यास सब समय*
*सब कार्य करते समय करते रहीये*
*ऐसा विशवास कीजिये*
*मेरा परमात्मा से मिलन होगा*
*नाम महाराज की शक्ति अनन्त है*

*हे मेरे मन सिमरिये*
*तू सदा सिमर हरि नाम*

*हरि नाम ही नाव है*
*जो चढे सो उतरे पार*

2 comments:

  1. यह तो राम नाम की महिमा है कि गणिका जैसी नारी भी समस्त दुष्कर्म के बाद भी भगवान के चरणों को पा गयी .....राम नाम की महिमा अपारा , इस जैसा कोई मंत्र नही सकारा

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